Subhash Chandra Bose Par Shayari - सुभाष चंद्र बोस पर शायरी

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Subhash Chandra Bose Par Shayari



परमवीर निर्भीक निडर,
पूजा जिनकी होती घर घर,
भारत मां के सच्चे सपूत,
हैं सुभाष चन्द्र बोस अमर।

सुभाष जी, सुभाष जी वो जाने हिन्द आ गये,
है नाज जिस पे हिन्द को वो शाने हिन्द आ गये.

सुभाष चन्द्र बोस वीर है,
योगी है, त्यागी है और सन्यासी है,
भारत के हर दिल में बसने वाले
सबसे प्यारे भारतवासी है.

जाने हिन्द सुभाष है,
माने हिन्द सुभाष है,
शाने हिन्द सुभाष है,
शत-शत प्रणाम सुभाष को है.

जिसके लहू का हर कतरा मुल्क के खातिर
और इरादे आज़ाद है रखते,
नाम काफी है दुश्मनों में खौफ़ के लिए
क्योंकि सुभाष चन्द्र बोस कभी मरा नही करते.

उस दिन लोगों ने सही-सही
खून की कीमत पहचानी थी,
जिस दिन सुभाष ने बर्मा में
माँगी उनसे कुर्बानी थी.

वे कहाँ गए, वे कहाँ रहे,
ये धूमिल अभी कहानी है,
हमने तो उसकी नयी कथा,
आज़ाद फ़ौज से जानी है.

अंग्रेजों की औकात दिखाने को ठानी थी,
इसलिए तो आजाद हिन्द फ़ौज बना डाली थी.

नेता बनना है तो सुभाष जी को दिल में बसा लो,
तुम भी भारत के कुछ मुश्किलों का हल निकालो.

आज भी “आजाद हिन्द फ़ौज” का हर वो भारतीय सिपाही है, जो गरीबों और कमजोरों के उत्थान के लिए सतत कार्यरत है.

याद रखिए सबसे बड़ा अपराध अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना है.

यह हम सबका कर्तव्य है कि हम अपनी स्वतंत्रता का मोल अपने खून से चुकाएं. हमें अपने बलिदान और परिश्रम से जो आजादी मिलेगी, हमारे अंदर उसकी रक्षा करने की ताकत होनी चाहिए.

उच्च विचारों से कमजोरियाँ दूर होती है. हमें हमेशा उच्च विचार पैदा करते रहना चाहिए.

आज हमारे अंदर बस एक ही इच्छा होनी चाहिए, मरने की इच्छा ताकि भारत जी सके. एक शहीद की मौत मरने की इच्छा ताकि स्वतंत्रता का मार्ग शहीदों के खून से प्रशस्त हो सके.

शक्तिशाली के साथ समझौता सिर्फ कमजोरी को दर्शाता हैं. बराबर वालो से समझौता बुद्धिमानी को दर्शाता है और जो आपसे कमजोर है वो आपकी हर बात मानेगा.


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तुम मुझे खून दो ,
मैं तुम्हें आजादी दूंगा.
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस

जब विचारों में निःस्वार्थता आएगी,
हकीकत में आजादी तभी मिल पाएगी.

सुबह से पहले अँधेरी घडी अवश्य आती है, बहादुर बनो और संघर्ष जारी रखो, क्योंकि स्वतंत्रता निकट है…

भावना के बिना चिंतन असंभव है, यदि हमारे पास केवल भावना की पूंजी है तो चिंतन कभी भी फलदायक नहीं हो सकता. बहुत सारे लोग आवश्यकता से अधिक भावुक होते हैं, परन्तु वह कुछ सोचना नहीं चाहते

आज हमारे अन्दर बस एक ही इच्छा होनी चाहिए, मरने की इच्छा ताकि भारत जी सके.. एक शहीद की मौत मरने की इच्छा, ताकि स्वतंत्रता का मार्ग शहीदों के खून से प्रशश्त हो सके…

संघर्ष ने मुझे मनुष्य बनाया, मुझमे आत्मविश्वास उत्पन्न हुआ ,जो पहले नहीं था….

आज हमारे अन्दर बस एक ही इच्छा होनी चाहिए, मरने की इच्छा ताकि भारत जी सके! एक शहीद की मौत मरने की इच्छा ताकि स्वतंत्रता का मार्ग शहीदों के खून से प्रशस्त हो सके.

भारत में राष्ट्रवाद ने एक ऐसी शक्ति का संचार किया है जो लोगों के अन्दर सदियों से निष्क्रिय पड़ी थी.

अगर संघर्ष न रहे, किसी भी भय का सामना न करना पड़, तब जीवन का आधा स्वाद ही समाप्त हो जाता है…

यदि आपको अस्थायी रूप से झुकना पड़े, तब वीरों की भांति झुकना…

“यदि हमें कभी झुकना पड़े तो वीरो की भांति झुको”

मेरे मन में कोई संदेह नहीं है,
कि हमारे देश की प्रमुख समस्यायों जैसे गरीबी ,
अशिक्षा , बीमारी , कुशल उत्पादन एवं वितरण का समाधान,
सिर्फ समाजवादी तरीके से ही की जा सकती है……||

इतना तो आप भी मानेंगे,
एक न एक दिन तो मैं जेल से अवश्य मुक्त हो जाऊँगा,
क्योंकि प्रत्येक दुःख का अंत होना अवश्यम्भावी है……||

हमें अधीर नहीं होना चहिये, न ही यह आशा करनी चाहिए,
की जिस प्रश्न का उत्तर खोजने में न जाने कितने ही लोगों ने अपना
सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया, उसका उत्तर हमें एक-दो दिन में प्राप्त हो जाएगा……||

मैंने अपने छोटे से जीवन का बहुत सारा,
समय व्यर्थ में ही खो दिया है……||

ज्ञान जीवन के लक्ष्य को निर्धारित करती है
और ज्ञान ही उसे प्राप्त करने की शक्ति देती है……||

मैं विपरीत परिस्थितियों में भी भयभीत नहीं होता…
संकटपूर्ण दिन आने पर भी मैं भागूँगा नहीं,
वरन आगे बढकर कष्टों को सहन करूँगा…
उनसे लडूँगा और उनका हल निकालूँगा……||

गुलामी जिन्दा इंसान को भी लाश बना देती है इसलिए
अपनी व्यक्तिगत आजादी और देश की आजादी के लिए
हमेशा लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए……||

हिन्दुस्तान हमारी इस कुर्बानी को जरूर याद रखेगा,
शायद समझ नही पायेगा… पर याद जरूर करेगा……||

नेता बनना है तो सुभाष जी को दिल में बसा लो,
तुम भी भारत के कुछ मुश्किलों का हल निकालो……||

अंग्रेजों की औकात दिखाने को ठानी थी,
इसलिए तो आजाद हिन्द फ़ौज बना डाली थी……||

वे कहाँ गए, वे कहाँ रहे,
ये धूमिल अभी कहानी है,
हमने तो उसकी नयी कथा,
आज़ाद फ़ौज से जानी है……||

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